Jharkhand : अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है और पत्रकार लोकतंत्र के सजग प्रहरी होते हैं राष्ट्र की उन्नति हेतु आप सभी के प्रयासों को कोटि-कोटि नमन।
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डॉ एमपी सिंह ने बताया कि भारत में 4 जुलाई 1966 को प्रेस परिषद की स्थापना हुई जिसने 16 नवंबर 1966 से अपना औपचारिक कार्य करना शुरू कर दिया तभी से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में भारतीयों को दी गई जिसके तहत अभिव्यक्ति की आजादी है जो कि प्रेस की निष्पक्षता स्वतंत्रता और उच्च नैतिक मापदंडों के प्रति आगाह करती है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है।
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वर्तमान परिपेक्ष को देखते हुए डॉ एमपी सिंह ने कहा कि आए दिन पत्रकारों के साथ कोई ना कोई घटना दुर्घटना होती रहती है इसलिए पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए और लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा मीडिया को ईमानदारी से करनी चाहिए क्योंकि पत्रकारिता जन-जन तक सूचनात्मक शिक्षाप्रद कला एवं विधि के संदेशों को पहुंचाती है। डॉ एमपी सिंह ने कहा कि समाचार पत्र एक ऐसी उत्तर पुस्तिका है जिसके लाखों परीक्षक एवं अनगिनत समीक्षक होते हैं यथार्थवाद असंतुलन एवं वस्तुनिष्ठता इस के आधारभूत तत्व होते हैं परंतु इनकी कमियां आज पत्रकारिता के क्षेत्र में देखने को मिल रही है आज पत्रकारिता स्वार्थपरक हो गई है जबकि पत्रकारिता तथ्यपरक होनी चाहिए आज तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर बढ़ा चढ़ाकर या घटाकर पेश किया जा रहा है जिससे असंतुलन हो गया है।
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डॉ एमपी सिंह ने कह कि आजकल समाचारों में विचारों को निहित किया जा रहा है इससे पत्रकारिता अस्वस्थ हो गई है समाचार विचारों की जननी होती है इसलिए समाचारों पर आधारित विचार तो स्वागत योग हो सकते हैं परंतु विचारों पर आधारित समाचार अभिशाप की तरह होते हैं मीडिया को समाज का दर्पण एवं दीपक दोनों माना जाता है मीडिया का काम है समाज की हूबहू तस्वीर को समाज के सामने पेश करना लेकिन कई बार मीडिया समतल दर्पण की जगह उत्तल और अवतल दर्पण का काम कर देती है जिससे समाज की उल्टी अवास्तविक काल्पनिक एवं विकृत तस्वीर सामने आ जाती है।
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डॉ एमपी सिंह ने कहा कि पत्रकारिता आजादी से पहले मिशन थी लेकिन अब यह प्रोडक्शन बन चुकी हैं मीडिया समाज को नई दिशा देती है मीडिया समाज को प्रभावित करता है इसलिए पत्रकारिता में हमें अपने आदर्श व मूल्यों को कायम रखना चाहिए और जनहित व राष्ट्र हित के लिए निर्भीकता व निडरता से सत्य को उजागर करना चाहिए! इससे कलमकार और साहित्यकार का मान व सम्मान बना रहता है।
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